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मेरा और मेरे ईश्वर का जन्म एक साथ हुआ था।
हम घरौंदे बनाते थे,
रेत में हम सुरंग बनाते थे।
वह मुझे धर्म बताता है,
उसकी बात मानता हूँ,
कभी कभी नहीं मानता हूँ।
भीड़ भरे इलाके में वह मेरी ताबीज में सो जाता है,
पर अकेले में मुझे सँभाल कर घर ले आता है।
मैं सोता हूँ,
रात भर वह जगता है।
उसके भरोसे ही मैं अब तक टिका हूँ, जीवन में तन कर खड़ा हूँ।
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